अल्मोड़ा। करीब नौ साल बाद जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम में आ गई है। इसके लिए डीएम ने मंदिर प्रबंधन समिति प्रबंधक को लोक सूचना अधिकारी और एसडीएम को प्रथम अपीलीय अधिकारी नियुक्त किया है। इधर, मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट ने शुक्रवार को आरटीआई प्रक्रिया का शुभारंभ कर इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील की। इसके साथ ही जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति कुमाऊं में पहली ऐसी धार्मिक संस्था बन चुकी है, जो आरटीआई के दायरे में है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने जागेश्वर मंदिर की व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाने के मकसद से वर्ष 2013 में जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति का गठन किया था। समिति आरटीआई के दायरे में नहीं होने पर कुछ लोग मंदिर प्रबंधन समिति की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा रहे थे। इसे देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति उपाध्यक्ष नवीन भट्ट ने बीते 12 जनवरी को तत्कालीन डीएम वंदना की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में मंदिर प्रबंधन समिति को आरटीआई के दायरे में लाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। डीएम ने मंदिर ट्रस्ट की व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाने के लिए प्रस्ताव को तत्काल मंजूरी दे दी थी।
एसडीएम अपीलीय अधिकारी नियुक्त समिति को आदेश जारी किए थे कि आरटीआई व्यवस्था शुरू करने से पहले समिति एक लेखाकार की नियुक्ति करे। करीब एक माह पूर्व ही मंदिर समिति में लेखाकार की नियुक्ति हुई थी। गुरुवार को जागेश्वर पहुंचे एसडीएम गोपाल चौहान ने मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों को जानकारी दी कि समिति अब पूर्ण रूप से आरटीआई के दायरे में आ चुकी है। उन्होंने बताया कि डीएम के आदेश पर मंदिर प्रबंधक को लोक सूचना अधिकारी जबकि उन्हें अपीलीय अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि दूसरी अपील डीएम के यहां होगी। शुक्रवार को समिति उपाध्यक्ष ने पुजारियों की मौजूदगी में आरटीआई व्यवस्था शुरू की।
वर्ष 2013 में बनी मंदिर प्रबंधन समिति
व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाने के लिए जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति का गठन हाईकोर्ट न्ने किया था। वर्ष 2013 में जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति अस्तित्व में आई थी। कुमाऊं मंडल में हाईकोर्ट के आदेश पर पहली बार जागेश्वर धाम की ही मंदिर प्रबंधन समिति का गठन हुआ है। पांच सदस्यीय इस ट्रस्ट में अल्मोड़ा के डीएम पदेन अध्यक्ष होते हैं।