भीषण गर्मी की वजह से गरुड़ क्षेत्र में लंबे समय से बारिश नहीं होने से गोमती नदी और गरुड़ गंगा का जलस्तर काफी हद तक घट गया है। गाेमती नदी में मात्र आधा क्यूसेक पानी रह गया है। जिसके चलते सिंचाई उप खंड बैजनाथ की 90 फीसदी नहरें सूख गई हैं। काश्तकार जल पंप और पंपिंग योजनाओं को संचालित करने के लिए नदियों में खुद तालाब बना कर जल पंपों की मदद से सूख रही धान की नर्सरी को सींचने को मजबूर हैं। कत्यूर घाटी में मात्र 20 फीसदी काश्तकार ही धान की रोपाई लगा पाए हैं। भीषण गर्मी पड़ने से गोमती नदी में मात्र आधा क्यूसेक पानी रह गया है। नदी का जलस्तर काफी कम होने से तैलीहाट, माल्दे, सिटोली, पचना, बिमोला, राजसेरा, नौघर, पुरुड़ा, चनोली, दिगोली, मन्यूड़ा, भेटा, जिनखोला, बंड, मटेना, रामपुर ग्वाड़ पजेना आदि गांवों के काश्तकार धान की रोपाई शुरू नहीं कर पाए हैं। बारिश नहीं होने से ऊंचाई वाले गांवों में धान की नर्सरी सूख गई है। सिंचाई उप बैजनाथ के एई प्रकाश पुनेठा ने बताया गर्मी से गोमती और गरुड़ गंगा का जलस्तर काफी घट गया है।